Monday, November 12, 2012

जलाओ दिए पर रहे ध्यान इतना |
अँधेरा धरा पर कहीं रह न जाये ||
खुले मुक्ति का वह किरण द्वार जगमग |
उषा जा पाए निशा आ न पाए ||

गोपाल दास नीरज 
सभी इष्ट मित्रों को दीपोत्सव की हार्दिक शुभकामना !!!!!