Wednesday, July 6, 2011

childline

 घर से मस्जिद है बड़ी दूर, चलो ये कर लें।
किसी रोते हुए बच्चे को हँसाया जाए॥ निदा फ़ाज़ली

चाईल्ड लाइन की शुरुआत उड़ान सोसाइटी ने शायद इसी मकसद से की है| एक ऐसी फ़ोन सेवा जो किसी भी बच्चे को उसकी परेशानी में पड़ने पर २४ घंटे मदद के लिए उपलब्ध रहेगी और पिछले दिनों में चाईल्ड लाइन की टीम कई बिछड़े हुए बच्चों को उनके परिवार से मिला भी चुकी है| बहुत सुखद अनुभूति है| लेकिन दोस्तों दो बच्चे ऐसे भी मिले जिसमें एक के परिवार में कोई था ही नही और उसके निकटवर्ती रिश्तेदारों ने उसे लेने से इनकार कर दिया, दूसरा दिमागी रूप से थोडा कमजोर था इसलिए अपना पता नहीं बता पाया, दोनों बच्चों को चाइल्ड लाइन की टीम को बड़े बुझे मन से शेल्टर होम छोड़ना पड़ा, जिसका दुख उन्हें आज भी है | प्यारे दोस्तों ये सब आपके उड़ान पर भरोसे का है फल है की हम अपने मकसद में दो कदम और आगे निकल गए है, लेकिन अभी बहुत रास्ते और सफ़र तय करना बाकी भी हैं