जलाओ दिए पर रहे ध्यान इतना |
अँधेरा धरा पर कहीं रह न जाये ||
खुले मुक्ति का वह किरण द्वार जगमग |
उषा जा पाए निशा आ न पाए ||
गोपाल दास नीरज
सभी इष्ट मित्रों को दीपोत्सव की हार्दिक शुभकामना !!!!!
अँधेरा धरा पर कहीं रह न जाये ||
खुले मुक्ति का वह किरण द्वार जगमग |
उषा जा पाए निशा आ न पाए ||
गोपाल दास नीरज
सभी इष्ट मित्रों को दीपोत्सव की हार्दिक शुभकामना !!!!!
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